इस चिट्ठी में, हिन्दी को अन्तरजाल पर कैसे आगे बढ़ाया जाय - इसके लिये कुछ सुझाव और आर्थक सहयोग की चर्चा है।
हिन्दी को अन्तरजाल में बढ़ावा देने के लिये कई कदम उठाये गये। हिन्दी चिट्ठों के कई फीड एग्रेगेटर भी आये। लेकिन, इस समय, वे सब बन्द हैं। हिन्दी में प्रकाशित चिट्ठियों की सूचना, इस वेब साइट के द्वारा भी दी जा रही थी। इसे कृष्णा वीरेन्द्र न्यास के द्वारा भी शुरू किया गया था। इसके द्वारा प्रतिदिन पिछले २४ घन्टें में हिन्दी में प्रकाशित चिट्ठियों की सूचना रहती थी। इसमें सबसे अच्छा फायदा यह था कि एक बार इसका प्रोग्राम बनाने के बाद उसे बस चलाना पड़ता था। इसमें कोई पैसे का व्यय नहीं था। लेकिन इसमें अब कुछ मुश्किलें आ गयी।
इसको चलाने के लिये एक प्रोग्राम, न्यास के मित्र ने, बिना शुल्क लिये बनाया था। २०१५ के बाद तकनीकी बदलाव के बाद वह प्रोग्राम चलना बन्द हो गया। जिसके कारण अब पुनः चिट्ठियों की सूचना प्रकाशित नहीं की जा पा रही है। जिस मित्र ने इसे बनाया था वह व्यस्त हो गये और इसे ठीक नहीं कर पा रहे हैं। इसलिये इसमें कोई प्रकाशन नहीं हो रहा है।
क्या कोई तकनीकी विशेषज्ञ इसे ठीक कर सकता है या कोई इस तरह का हिन्दी को अन्तरजाल पर बढावा देने के लिये किसी अन्य एग्रेगेटर की शुरुवात कर सकता है या हिन्दी को अन्तरजाल में बढ़ावा देने के लिये कोई और कदम उठा सकता है। यदि इस तरह की कोई बात उठती है तब न्यास को, इस कदम में, आर्थिक सहयोग देने में, प्रसन्नता होगी।
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