Friday, February 01, 2008

बधाई और पुरुस्कार

पिछले साल तरकश के द्वारा, उदयिमान २००६ के हिन्दी चिट्ठाकारों का चुनाव करवाया गया था। इस साल पुनः तरकश के द्वारा सर्वश्रेठ महिला एवं पुरुष चिट्ठाकार २००७ का चुनाव करवाया गया। इसके सफल आयोजन पर तरकश टीम को बधाई।

इस चुनाव में, सर्वश्रेष्ट महिला चिट्ठाकार के लिये सुश्री रंजना भाटिया एवं सर्वश्रेष्ट पुरुष चिट्ठाकार के लिये श्री मोहिंदर कुमार का चुनाव हुआ है। आप दोनो को हमारे न्यास की तरफ से को बधाईयां।


हमारे न्यास ने सर्वश्रेष्ट महिला चिट्ठाकार को ५०० रुपये की हिन्दी पुस्तकें, पूर्वी बजाज की स्मृति में, भेंट करने का पुरुस्कार देने का वायदा किया था। न्यास की तरफ से सुश्री रंजना भाटिया को उनकी मन पसन्द निम्न चार पुस्तकें भेजी जा रही हैं:
  • गुनाहों का देवता; लेखक, धर्नवीर भारती;
  • मुझे चांद चाहिये; लेखक, सुरेन्द्र वर्मा;
  • खोया हुआ था कुछ; लेखक, निदा फाज़ली;
  • गज़ले, नज़्में, शेर और जीवनी; लेखक, बशीर बद्र।
रंजना जी को यह पुस्तकें, सप्ताह भर के अन्दर मिल जानी चाहिये।

पिछले साल हमने, श्री समीर लाल जी को, सवर्ण कलम से नवाज़े जाने पर हिन्दी की तीन पुस्तकें - आवारा मसीहा, अर्धनारीश्वर, और प्रथम प्रतिश्रुति - टोरंटो भेजी थीं।

हम चाहेंगे कि जिन पुस्तकों को हम रंजना जी के पास भेज रहें हैं वे, उन पुस्तकों को पढ़ कर, हम सब के लिये समीक्षा भी करें।

3 comments:

रंजू भाटिया said...

बहुत बहुत शुक्रिया ...मैं आपकी भेजी पुस्तकों की समीक्षा करने की पूरी कोशिश करुँगी !!

संजय बेंगाणी said...

साधूवाद

रंजू भाटिया said...

धन्यवाद जी आपकी भेजी पुस्तकें अभी अभी मुझे मिल गई हैं ..बहुत बहुत शुक्रिया आपका !!

मेरे और इस वेब साइट के बारे में

यह सेवा, न्यास द्वारा, हिन्दी देवनागरी (लिपि) को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गयी है। मैं इसका सम्पादक हूं। आपके विचारों और सुझावों का स्वागत है। हम और भी बहुत कुछ करना चाहते हैं पर यह सब धीरे धीरे और इस पहले कदम की प्रतिक्रिया के बाद।